दुनिया भर में भगवान श्री कृष्ण के भक्त मौजूद हैं यही वजह है कि पूरे विश्व में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। भादो माह में पड़ने वाला यह त्योहार अत्यंत ही पावन माना गया है। जानकारी के लिए बता दें कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कान्हा का जन्मदिन मनाया जाएगा। शास्त्रों की मानें तो इस बार की जन्माष्टमी पर युगों बाद का एक बेहद ही अद्भुत संयोग बन रहा है। जी हां बता दें कि जिस तरह द्वापर युग में अष्टमी तिथि को सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे, ठीक इस साल की जन्माष्टमी पर भी रोहिणी नक्षत्र में ये अद्भुत संयोग पड़ रहा है।
वैसे बताते चलें कि इस बार जन्माष्टमी 23 अगस्त और 24 अगस्त दोनों को पड़ रहा है। जो लोग उदया तिथि को मानते हैं वो 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे जबकि जो लोग रोहिणी नक्षत्र को मानते हैं वो लोग 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे। ज्योतिष की माने तो इस बार जन्माष्टमी पर द्वापर जैसा संयोग दोहराएगा, जी हां दरअसल इस बार अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में सूर्य और चंद्रमा के उच्च होने से अद्भुत संयोग बन रहा है। यही वजह है कि इस बार की जन्माष्टमी बेहद ही खास व अत्यंत शुभ सिद्ध होने वाली है और तो और यह सभी मनोकामना को पूर्ण भी करेगी। इस विशेष योग को पुराणों में तीन जन्मों के पापों से मुक्ति वाला बताया गया है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को हुआ था।
ज्योतिषियों की मानें तो रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि के साथ सूर्य और चन्द्रमा ग्रह भी उच्च राशि में है। माना जा रहा है कि जिस प्रकार के योग में भगवान श्रीकृष्ण का द्वापर युग में भी कुछ ऐसा ही योग बना था, इसलिए वैसे योग में 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
ये हैं वो शुभ मुहूर्त
कृष्ण जन्माष्टमी शुक्रवार, अगस्त 23, 2019 को
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 23, 2019 को 08:09 AM बजे व समाप्त – अगस्त 24, 2019 को 08:32 AM बजे
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ – अगस्त 24, 2019 को 03:48 AM बजे व समाप्त – अगस्त 25, 2019 को 04:17 AM बजे
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:04 से 12 :55 बजे तक
जन्माष्टमी निशिता पूजा का समय – मध्य रात्रि 12:09 से 12: 47 बजे तक
निशिता पूजा शुभ मुहूर्त की अवधि – 38 मिनट
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