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Saturday, May 11, 2019

टाइम मैगजीन ने मोदी पर छापी विवादास्पद रिपोर्ट | TIME Magazine Cover Features PM Modi with Controversial Headline

Narendra Modi on Time Magazine Cover https://bestinvestmentpropertyinindia.blogspot.com/


अमेरिकी पत्रिका टाइम ने अपने अंतरराष्ट्रीय संस्करण के कवर पेज पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ विवादास्पद हेडलाइन प्रकाशित की है। इसमें प्रधानमंत्री को भारत का ‘डिवाइडर इन चीफ’ (फूट डालने वालों का मुखिया) करार दिया है। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कवर पेज पर ही कम महत्ता के साथ दूसरी हेडलाइन दी है, जिसे ‘मोदी द रिफॉर्मर’ कहा गया है। टाइम का 20 मई, 2019 का यह अंतरराष्ट्रीय संस्करण यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका, एशिया और दक्षिणी प्रशांत में मुहैया करवाया जाता है।

टाइम पत्रिका के एशिया संस्करण ने लोकसभा चुनाव 2019 और पिछले पांच सालों के दौरान मोदी सरकार के कामकाज पर विस्तृत खबर प्रकाशित की है। हालांकि यह पत्रिका अभी बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। मोदी पर कवर स्टोरी वाला यह अंक 20 मई 2019 को जारी होगा। लोकसभा चुनाव 2019 के आख़िरी चरण का मतदान 19 मई को है और चुनाव के नतीजे 23 मई को आएंगे। इससे पहले टाइम ने अपनी वेबसाइट पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है।

नरेंद्र मोदी पर केंद्रित इस कवर स्टोरी को पत्रकार आतिश तासीर ने लिखा है। इससे पहले टाइम पत्रिका ने साल 2012 फिर साल 2015 में मोदी को अपने कवर पेज पर जगह दी थी। वहीं साल 2014, 2015 और 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था। मई 2015 में पत्रिका ने मोदी पर कवर स्टोरी की थी और उसे नाम दिया था- 'व्हाय मोदी मैटर्स' ('Why Modi Matters')।

टाइम पत्रिका ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना के साथ-साथ उनके काम की तारीफ भी की है। पत्रिका के इस आलेख में नेहरू के समाजवाद और भारत की मौजूदा सामाजिक परिस्थिति की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी की है।
क्या लिखा है इस कवर स्टोरी में

टाइम पत्रिका की वेबसाइट पर प्रकाशित आलेख में बताया गया है कि नरेंद्र मोदी लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बाद साल 2014 में 30 सालों में अभूतपूर्व जनादेश के साथ भारत की सत्ता तक पहुंचे। तब तक भारत में आजादी के 67 सालों में से 54 सालों तक मुख्य रूप से इंदिरा और जवाहर लाल नेहरू की पार्टी- कांग्रेस पार्टी - का शासन रहा था। उसके बाद मोदी के पांच साल के कार्यकाल का जिक्र है।

अमेरिकी पत्रिका टाइम ने अपने अंतरराष्ट्रीय संस्करण के कवर पेज पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ विवादास्पद हेडलाइन प्रकाशित की है। इसमें प्रधानमंत्री को भारत का ‘डिवाइडर इन चीफ’ (फूट डालने वालों का मुखिया) करार दिया है। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कवर पेज पर ही कम महत्ता के साथ दूसरी हेडलाइन दी है, जिसे ‘मोदी द रिफॉर्मर’ कहा गया है। टाइम का 20 मई, 2019 का यह अंतरराष्ट्रीय संस्करण यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका, एशिया और दक्षिणी प्रशांत में मुहैया करवाया जाता है।

टाइम पत्रिका के एशिया संस्करण ने लोकसभा चुनाव 2019 और पिछले पांच सालों के दौरान मोदी सरकार के कामकाज पर विस्तृत खबर प्रकाशित की है। हालांकि यह पत्रिका अभी बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। मोदी पर कवर स्टोरी वाला यह अंक 20 मई 2019 को जारी होगा। लोकसभा चुनाव 2019 के आख़िरी चरण का मतदान 19 मई को है और चुनाव के नतीजे 23 मई को आएंगे। इससे पहले टाइम ने अपनी वेबसाइट पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है।

नरेंद्र मोदी पर केंद्रित इस कवर स्टोरी को पत्रकार आतिश तासीर ने लिखा है। इससे पहले टाइम पत्रिका ने साल 2012 फिर साल 2015 में मोदी को अपने कवर पेज पर जगह दी थी। वहीं साल 2014, 2015 और 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था। मई 2015 में पत्रिका ने मोदी पर कवर स्टोरी की थी और उसे नाम दिया था- 'व्हाय मोदी मैटर्स' ('Why Modi Matters')।

टाइम पत्रिका ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना के साथ-साथ उनके काम की तारीफ भी की है। पत्रिका के इस आलेख में नेहरू के समाजवाद और भारत की मौजूदा सामाजिक परिस्थिति की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी की है।

क्या लिखा है इस कवर स्टोरी में

टाइम पत्रिका की वेबसाइट पर प्रकाशित आलेख में बताया गया है कि नरेंद्र मोदी लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बाद साल 2014 में 30 सालों में अभूतपूर्व जनादेश के साथ भारत की सत्ता तक पहुंचे। तब तक भारत में आजादी के 67 सालों में से 54 सालों तक मुख्य रूप से इंदिरा और जवाहर लाल नेहरू की पार्टी- कांग्रेस पार्टी - का शासन रहा था। उसके बाद मोदी के पांच साल के कार्यकाल का जिक्र है।

मोदी ने मशहूर शख्सियतों पर निशाना साधा

महान हस्तियों पर सियासी हमले हुए

आलेख में कहा गया है कि मोदी ने भारत के महान शख्सियतों पर राजनीतिक हमले किए जैसे कि नेहरू। वह कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, उन्होंने कभी भी हिंदू-मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए कोई इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। इस लेख में आगे लिखा है कि नरेंद्र मोदी का सत्ता में आना इस बात को दिखाता है कि भारत में जिस कथित उदार संस्कृति की चर्चा की जाती थी वहां पर दरअसल धार्मिक राष्ट्रवाद, मुसलमानों के खिलाफ भावनाएं और जातिगत कट्टरता पनप रही थी।

आलेख में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में लोगों के गुस्से के देखते हुए आर्थिक वादे किए। उन्होंने नौकरी और विकास की बात की। लेकिन अब ये विश्वास करना मुश्किल लगता है कि वह उम्मीदों का चुनाव था। आलेख में कहा गया है कि मोदी द्वारा आर्थिक चमत्कार लाने के वादे फेल हो गए। यही नहीं उन्होंने देश में जहर भरा धार्मिक राष्ट्रवाद का माहौल तैयार करने में जरूर मदद की।

टाइम पत्रिका की रिपोर्ट में बताया गया है कि 1947 में ब्रिटिश इंडिया दो हिस्सों में बंटा और पाकिस्तान का जन्म हुआ। लेकिन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़े भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने फैसला किया कि भारत सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं होगा बल्कि हर धर्म के लोगों के लिए यहां जगह होगी।

 TIME Magazine Cover Features PM Modi with Controversial Headline  https://bestinvestmentpropertyinindia.blogspot.com/


नेहरू की विचारधारा सेक्युलर थी जहां सभी धर्मों को समान रूप से इज्जत थी। भारतीय मुसलमानों को शरिया पर आधारित फैमिली लॉ मानने का अधिकार दिया गया, जिसमें तलाक देने का उनका तरीका तीन बार तलाक बोलकर तलाक लेना भी शामिल था। जिसे नरेंद्र मोदी ने 2018 में एक आदेश जारी कर तीन तलाक को कानूनी अपराध करार दे दिया।

इस आलेख में 1984 के सिख दंगों और 2002 के गुजरात दंगों का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि हालांकि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व भी 1984 के दंगों को लेकर आरोप मुक्त नहीं है लेकिन फिर भी इसने दंगों के दौरान उन्मादी भीड़ को खुद से अलग रखा। लेकिन नरेंद्र मोदी 2002 के दंगों के दौरान अपनी चुप्पी से 'उन्मादी भीड़ के दोस्त' साबित हुए।

इयान ब्रेमर ने मोदी को बताया आर्थिक सुधारों की उम्मीद

मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की प्रशंसा

टाइम पत्रिका के इस अंक के एक दूसरे आलेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों की खूब प्रशंसा की गई है। पत्रकार इयान ब्रेमर ने लिखा है कि मोदी ही वो शख्स है जो भारत के लिए डिलीवर कर सकते हैं। 'मोदी इज इंडियाज बेस्ट होप फॉर इकॉनोमक रिफॉर्म' ('Modi Is India's Best Hope for Economic Reform') शीर्षक के लेख में लिखा है कि भारत ने मोदी के नेतृत्व में चीन, अमेरिका और जापान से अपने रिश्ते तो सुधारे ही हैं, लेकिन उनकी घरेलू नीतियों की वजह से करोड़ों लोगों की जिंदगी में सुधार आया है।

जीएसटी लागू करने के फैसले को सराहा

इस आलेख में जीएसटी लागू करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की गई है। इसमें लिखा गया है कि नरेंद्र मोदी ने भारत की जटिल टैक्स प्रणाली को सरल और सहज किया है। आलेख में कहा गया है कि मोदी ने देश में बुनियादी ढांचे में जमकर निवेश किया है। नई सड़कों का निर्माण, हाईवे, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और एयरपोर्ट ने देश की दीर्घकालीन आर्थिक संभावनाओं में आशा का संचार कर दिया है। कई ऐसे गांवों में बिजली पहुंची हैं जहां 70 सालों से अंधेरा था। नरेंद्र मोदी ये काम आर्थिक विकास के लिए वरदान साबित हुए हैं।

भीड़ हिंसा और गाय का भी उल्लेख

आतिश तासीर के आलेख में मॉब लिंचिंग (भीड़ हिंसा) और गाय के नाम पर हुई हिंसा का भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने लिखा है कि गाय को लेकर मुसलमानों पर बार-बार हमले हुए और उन्हें मारा गया। एक भी ऐसा महीना नहीं बीता जब लोगों के स्मार्टफोन (मोबाइल) पर ऐसी तस्वीरें न आई हों जिसमें गुस्साई हिंदू भीड़ एक मुस्लिम को पीट न रही हो। इस आलेख में उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा पर भी निशाना साधा गया है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि साल 2017 में यूपी में चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने भगवाधारी और नफरत फैलाने वाले एक महंत को मुख्यमंत्री बना दिया गया। वहीं आतंकी हमले के आरोपों से घिरी साध्वी को लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया जा रहा है।
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