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Monday, March 4, 2019

OIC में भी भारत ने पाकिस्तान को दी पटखनी, संयुक्त घोषणापत्र में कश्मीर का जिक्र नहीं

Sushma Swaraj OIC

आतंक को शह देने वाले पाकिस्तान को भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग कर रहा है. ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) में भी भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक शिकस्त दी है. पाकिस्तान दुनिया को ये बताकर भले ही खुश हो रहा हो कि उसने जम्मू-कश्मीर पर OIC में अलग से प्रस्ताव पास करवा लिया है, लेकिन पाकिस्तान इस प्रस्ताव को अबु धाबी से जारी किए जाने वाले अंतिम संयुक्त विज्ञप्ति में शामिल नहीं करा सका है.

बता दें कि संयुक्त घोषणा पत्र OIC का एकमात्र आधिकारिक दस्तावेज है जिसे इस संगठन के सभी 57 देश स्वीकार करते हैं. इसी दस्तावेज को दुनिया के सामने चर्चा के लिए पेश किया जाता है.



पाकिस्तान द्वारा लगातार दबाव दिए जाने के बावजूद भी अबु धाबी झुका नहीं और कश्मीर को अंतिम ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया गया. इंडिया टुडे को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान OIC के हर सेशन में भारत से जुड़े मुद्दों पर घेरने की कोशिश करता रहा है. OIC में पाकिस्तान ने पहली बार भारत का विरोध दूसरे सेशन में किया, जब राजा अली एजाज के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने भारत को न्यौता देने के लिए अपनी कड़ी आपत्ति जताई. राजा अली एजाज सऊदी अरब में पाकिस्तान के राजदूत हैं.

बता दें कि सुषमा स्वराज OIC की मीटिंग में बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर शामिल हुई थीं. इसका विरोध करते हुए पाकिस्तान ने 1 मार्च को घोषणा की थी वो इस बैठक में शामिल नहीं होगा.

सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत आतंकवाद से जूझ रहा है। आतंकवाद का दंश बढ़ रहा है, दायरा बढ़ रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि आज आतंकवाद और अतिवाद एक नए स्तर पर है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को संरक्षण और पनाह देने पर रोक लगनी चाहिए। आतंकी संगठनों की फंडिंग रुकनी चाहिए... 
संस्कृतियों का संस्कृतियों से समागम होना चाहिए। 

सुषमा ने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी मजहब के खिलाफ टकराव नहीं है।' धर्म को शांति का पर्याय बताते हुए उन्होंने कहा, 'जिस तरह इस्लाम का मतलब शांति है, अल्लाह के 99 नामों में से किसी भी नाम का अर्थ हिंसा नहीं है, उसी तरह हर धर्म शांति के लिए हैं।' 

भारत की गौरवशाली संस्कृति का हवाला देते हुए सुषमा ने कहा, 'भारत के लिए बहुलता को अपनाना हमेशा से आसान रहा है क्योंकि यह संस्कृति के सबसे पुराने धार्मिक ग्रंथ ऋग्वेद में भी है और मैं वहां से उद्धरण ले रही हूं- एकम सत विप्र बहुधा वधंती अर्थात भगवान एक हैं लेकिन विद्वान लोग अलग-अलग तरह से उनका वर्णन करते हैं।'

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बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की तमाम कोशिशों के बाद भी OIC ने भारत को भेजा न्योता रद्द नहीं किया। यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। पाकिस्तान ने OIC से भारत को दिए न्योते को रद्द करने की मांग की थी। यह मांग खारिज होने से तिलमिलाए पाकिस्तान ने आखिरकार OIC बैठक का बहिष्कार कर दिया है। भारत को न्योता रद्द करने के लिए पाकिस्तान किस हद तक OIC के सामने गिड़गिड़ाया, यह खुद उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान से जाहिर होता है।

शुक्रवार को पाक संसद में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की यूएई के खिलाफ तिलमिलाहट खूब झलकी। कुरैशी ने पाक संसद में OIC की बैठक में न जाने का ऐलान करते हुए कहा कि कैसे वह यूएई के क्राउन प्रिंस को उनके पिता के साथ संबंधों का वास्ता देकर गुरुवार रात तक मनाते रहे, लेकिन उन्होंने पाक की नहीं सुनी। यही नहीं पाकिस्तान के एक सांसद ने यहां तक कहा कि OIC का फाउंडर मेंबर होने और इसके लिए लड़ाई लड़ने के बावजूद उसके साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है।
 
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